गोपाल, गौशाला, पदाधिकारियों, पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, के कार्यकर्ताओं, ने दिया ज्ञापन,
आज विश्व हिंदू परिषद वह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा उपखंड कार्यालय नैनवा पर ज्ञापन दिया गया ज्ञापन में 10 सूत्रीय मांगो को लेकर दिया गया जिसमें महत्वपूर्णराजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की धारा 3 (ख) के तहतस्टाम्प विक्रय पर 10% सरचार्ज एवं शराब बिक्री से प्राप्त वेट राशि केसरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ही उपयोग किया जा रहा था।राज्य सरकार द्वारा मुद्रांक अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद से यहराशिआपदा प्रबन्धन में भी व्यय की जा सकेगी। स्पष्ट है कि इस राशि को गौसंरक्षण एवं संवर्धन पर ही व्यय किए जाने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है।राज्य सरकार द्वारा किये गये इस संशोधन को निरस्त करने हेतु राजस्थानगौ सेवा समिति राजस्थान एवं गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान दिनांक31 अगस्त को एवं गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति द्वारा दिनांक 7 सितम्बर2020 को तहसील स्तर से लेकर माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय राज्यपालको ज्ञापन दिये गये। परन्तु राज्य सरकार ने इस संबंध में मौन धारण कियाहुआ है। दिनांक 15 सितम्बर को गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति द्वाराजयपुर मेंपत्रकार वार्ता कर इस संशोधन को निरस्त करने के लिए राज्य सरकार सेआग्रह किया। मांग नहीं माने जाने की स्थिति में 21 सितम्बर को तहसीलस्तर तक पंचायती चुनाव की आचार संहिता एवं कोरोना के नियमों कापालन करते हुए सांकेतिक धरना देने का निर्णय किया गया है।गौ संरक्षण संघर्ष समिति राज्य सरकार से आग्रह करती है कि तुरन्तसंघर्ष समिति से वार्ता करे और निम्नलिखित माँगों को स्वीकार करे। अन्यथाराजस्थान के गौ भक्तों को मजबूरन आंदोलन की गति को बढ़ाना पड़ेगा।1. राजस्थान सरकार द्वारा गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 मेंएवं राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1988(1999 का अधिनियम सं.14) की धारा उख के अधीन संग्रहीत अधिभार से प्राप्त राशिजो किगौमाता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के प्रयोजन केलिये ही उपयोग की जायेगी में किये गये संशोधन को निरस्त कियाजाए।2. एक वित्तीय वर्ष में 180 दिनों की दी जा रही अनुदान राशि को 365दिन किया जाए। सांकेतिक धरने पर मौजूद रहे गोपाल गौशाला नैनवा के अध्यक्ष विजय मीणा बजरंग दल जिला संयोजक लकी चोपड़ा प्रखंड संयोजक बद्री प्रसाद शर्मा प्रखंड उपाध्यक्ष धनराज सैनी गोपाल गौशाला मंत्री विजय नोगिया आदि मौजूद रहे
