यह मोदी,का मास्टर स्ट्रोक नहीं, महा,मास्टर,स्ट्रोक है,अभी वामपंथी, और देश,विरोधी,ताकतें,इसको समझ,ही नहीं पाए हैं, जब समझ जायेंगे तो इसका विरोध भी करेंगे,

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यह मोदी,का मास्टर स्ट्रोक नहीं, महा,मास्टर,स्ट्रोक है,अभी वामपंथी, और देश,विरोधी,ताकतें,इसको समझ,ही नहीं पाए हैं, जब समझ जायेंगे

अभी वामपंथी और देश विरोधी ताकतें इसको समझ ही नहीं पाए हैं, जब समझ जायेंगे तो इसका विरोध भी करेंगे ।

एक तरफ विरोध होगा, तो दूसरी तरफ इसमें 100% हिन्दू, इस योजना के समर्थन में भी हो जाएंगे और भारत और भारत का हिन्दू 2035 तक आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चो पर ताकतवर हो जाएगा ।

*शायद कुछ लोग अब भी नहीं समझे होंगे कि यह महा मास्टरस्ट्रोक कैसे है ????

समझिए……

2023-2035 तक अग्निवीरों के अनेक जत्थे सेना से वापस, अपने स्थानीय जगहों पर अपनी चार-चार साल की सेवा देकर आ जायेंगे, मतलब लगभग 10 लाख रिटायर अग्निवीर पूरे भारत में फैल जायेंगे, अग्निवीर सेना से अस्त्र – शस्त्र में पारंगत रहेंगे, अतः उनको निजी हथियारों का लाइसेंस आसानी से मिल जाएगा ।

अब इसमें हिंदुओं के काम की क्या बात है ???

मान लो आपके मोहल्ले में अचानक जेहादियों की भीड़ आ गयी और आपके मोहल्ले में 2-4 रिटायर अग्निवीर हैं, तो जाहिर है उनके पास लाइसेंससुदा निजी हथियार भी होंगे, आत्म रक्षा में वे उनको चलाएंगे भी, इस प्रकार इन अग्निवीरों से पूरा हिन्दू मोहल्ला सुरक्षित हो जाएगा ।

हिन्दुओं! मोदी ने आपके लिए वह सोचा है, जिसकी आपको कल्पना भी नहीं थी । इस प्रकार भारत में इन जेहादियों का मंसूबा गजवाये हिन्द कभी पूरा नहीं होगा ।

अग्निवीर योजना से भारत और सनातन अजेय बनेगा ।

कृपया सभी हिन्दू इसका पुरजोर समर्थन करें और युवाओं को आगे लाएं । 17 साल से 21साल तक के उम्र के जोशीले युवा इसके भागीदार बनें, वैसे भी आजकल आप जानते ही हैं, नॉर्मल सरकारी नौकरी लगने में 25-30 साल की उम्र हो जाती ही है, 21 साल बाद आकर भी आप दूसरी सरकारी नौकरी कर सकते हैं ।

अग्निवीर-जोशीला,जांबाज़

देश कुछ सालों तक मोदी जी के स्कीम में चलने लगे तो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने में देर नहीं लगेगी… अग्निवीर स्कीम कोई जॉब नहीं जज्बा है । आज से 10 साल बाद लाखों trained सैनिक हमारे समाज और घरों में होंगे, जो जिहादियों से मुकाबला करेंगे । बॉर्डर पर भी सैनिक और देश के अंदर भी सैनिक… फिर भारत कभी गुलाम नहीं हो सकेगा… 18 से 22 साल का भारतीय व्यक्ति अविवाहित रहता है, वेतन के आधे पैसे से घर आराम से चल जाएगा और अपने छोटे छोटे भाई बहनों की शिक्षा की व्यवस्था भी कर लेगा… आधा पैसा बचेगा.. कुल मिलाकर 4 साल बाद लगभग 18 से 20 लाख तक रकम की व्यवस्था उसके पास रहेगा। आज कितने 22 साल के लड़कों के पास इतना पैसा रहता है????…17 साल की उम्र से 25 साल तक पान ठेला और चौक चौराहों पर बैठकर अपना जीवन बिता देता है, बड़ा आदमी बनने के चक्कर में । यह समय कब और कैसे निकलता है ??? पता नहीं चलता। …. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह जॉब से ज्यादा जज्बा है, भारत को बचाने का… समझ सको तो समझ लो ।

सेना में जो स्थाई भर्ती की प्रक्रिया और व्यवस्था को लेकर लोंगो के मन में जरूर संदेह है, उसे सरकार को समझाने की जरूरत है… जो नहीं समझ पा रहे हैं या राजीनीति के चक्कर में भटक गए हैं । उन्हें कॉन्फिडेंस में लेने की जरूरत है…

पैदा होने के 3साल बाद से खुद के खर्चे से पढ़ाते पढ़ाते 16 साल की उम्र तक ले गए रोजगार की कोई गारंटी नहीं ।

उसके बाद भी ग्रेजुएशन के चक्कर में 6 साल और बिता दिए रोजगार की कोई गारंटी नहीं
उसके बाद भी कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करते पढ़ते-पढ़ते 10 साल और बिता दिए पीएससी रोजगार की कोई गारंटी नहीं
बाप की कमाई खत्म कर दिए पढ़ाई में रोजगार की कोई गारंटी नहीं
इस पढ़ाई का कोई विरोध नहीं, लेकिन 17 साल की उम्र में देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाले काबिल युवाओं को
6 माह की ट्रेनिंग
4 साल स्किल डेवलपमेंट अनुशासन
के साथ-साथ आर्थिक लाभ 4 साल बाद आर्थिक पैकेज बाकायदा सर्टिफिकेट के साथ वापसी अन्य नौकरी में प्राथमिकता
वापस आने पर आयु 21से 25 आगे शुरुआत यही से होती है फिर भी विरोध ।
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