बदनावर, विधानसभा सीट पूरे जिले में है चर्चित राजनीतिक इतिहास आजादी के बाद से आज तक best news update

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🌅 *पूरे जिले में चर्चित रहती है बदनावर विधानसभा सीट*

*6 बड़ी फैक्ट्रियों ने पूरे देश मे दिलाई “बदनावर” को पहचान*

*1998 में भाजपा के खेमराज पाटीदार बने थे विधायक*
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बदनावर विधानसभा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो इस सीट पर हर बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होती रही है। सिर्फ 1998 व 2018 में यहां कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। सन 1990 के चुनाव में कांग्रेस के प्रेमसिंह दत्तीगांव ने जीत हासिल की। इसके बाद 1993 के चुनाव में रमेशचंद्रसिंह राठौर बीजेपी के टिकट पर जीत कर विधायक बने थे।

मध्य प्रदेश का धार जिला अपनी विशिष्ट राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता है। जिले के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें 5 सीटें तो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है तो 2 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं। इन्हीं 2 सीटों में बदनवार विधानसभा सीट शामिल है। बदनावर सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही टक्कर रही है। अभी यहां पर बीजेपी का कब्जा है। भारतीय जनता पार्टी ने बदनवार सीट से प्रदेश के उद्योग मंत्री व वर्तमान विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव को मैदान में उतारा, तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत के रूप में यहां पर प्रत्याशी उतारा। बदनवार विधानसभा सीट उन सीटों में शुमार है जो 2020 में मध्यप्रदेश की सियासत में सबसे बड़े उलटफेर में शामिल हुआ। दत्तीगांव इस सीट से 4 बार चुनाव जीत चुके हैं। यह इनका सातवां चुनाव था।

*2018 में 41 हजार वोटों से जीते थे दत्तीगांव*

2018 के चुनाव की बात करें तो बदनावर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। लेकिन बाजी दत्तीगांव के हाथ लगी। दत्तीगांव ने 84,499 वोट हासिल किए तो बीजेपी के भंवरसिंह शेखावत को 42,993 वोट मिले। तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार राजेश अग्रवाल रहे। जिन्हें 30,976 वोट मिले थे। दत्तीगांव ने त्रिकोणीय मुकाबले के बावजूद 41,506 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि 2020 में प्रदेश में बड़ा फेरबदल हो गया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वालों में दत्तीगांव भी शामिल थे। 2020 के उपचुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की।

*कैसा रहा राजनीतिक इतिहास*

बदनावर विधानसभा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो इस सीट पर हर बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होती रही है। 1990 के चुनाव में कांग्रेस के प्रेमसिंह दत्तीगांव ने जीत हासिल की। इसके बाद 1993 के चुनाव में रमेशचंद्रसिंह राठौड़ बीजेपी के टिकट पर जीत कर विधायक बने। 1998 में भी यह सीट बीजेपी के पास ही रही। भाजपा के किसान नेता खेमराज पाटीदार विधायक बने थे। 2003 के चुनाव में राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए जीत हासिल की। 2008 में भी यही विजयी हुए। हालांकि 2013 के चुनाव में बीजेपी के भंवरसिंह शेखावत ने जीत दर्ज की। 2018 के चुनाव में राजवर्धनसिंह कांग्रेस पर चुनाव जीते। फिर 2020 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर भी वह चुनाव जीत गए। उपचुनाव में दत्तीगांव ने कांग्रेस प्रत्याशी कमलसिंह पटेल को 32 हजार 133 वोट से चुनाव हराया था।

*सामाजिक-आर्थिक ताना बाना*

बदनावर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा आदिवासी समाज के वोटर्स है। इसके बाद पाटीदार और राजपूत समाज का आधिपत्य रहा है। आंकड़े की बात करे तो यहां करीब 32 हजार 45 वोट अनुसूचित जाति के है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के सबसे ज्यादा 71 हजार 771 वोट है। पिछड़ा वर्ग के 51 हजार 230 वोट है। वही सामान्य वर्ग श्रेणी के करीब 44 हजार 544 वोट है। क्षेत्र में 20 हजार 559 से ज्यादा मुस्लिम समाज के वोटों की संख्या है। इस सीट पूरे जिले में सबसे ज्यादा चर्चित सीट मानी जाती रही है। आर्थिक रूप से सक्षम सीट है। यहां के अधिकांश लोग कृषि पर आधारित है। वही इस क्षेत्र में 6 बड़ी फैक्ट्रियां भी स्थित है। बोराली में ओएसिस ग्रुप द्वारा संचालित शराब फेक्ट्री के अलावा बोराली व घटगारा के बीच स्थित देश की बड़ी सुजलॉन कंपनी द्वारा पवन चक्की के लिए रोटर ब्लेड बनाने वाली फैक्टरी, बदनावर बड़ी चौपाटी से कुछ दूर चेतन्य कश्यप फाउंडेशन की कश्यप स्वीटनर्स फैक्ट्री, औद्योगिक क्षेत्र खेरवास में वंडर सीमेंट फेक्ट्री, वही पास में स्थापित देश की अग्रणी सोया कंपनी आईबी ग्रुप द्वारा स्थापित सोया प्लांट व पश्चिम क्षेत्र के ग्राम छायन में न्यू जील रेन वीयर कंपनी द्वारा स्थापित कपड़ा कारखाना पूरे देश मे बदनावर की पहचान बढ़ा रहा है। इन उद्योगों के कारण बदनावर विकसित क्षेत्र माना जाता है।

*अब तक यह रह चुके विधायक*,

1957 मनोहरसिंह मेहता, कांग्रेस

1962 गोवर्धनलाल शर्मा, जनसंघ,

1967 गोवर्धनलाल शर्मा , जनसंघ

1972 चिरंजीलाल गुप्ता, कांग्रेस

1977 गोवर्धनलाल शर्मा, जनता पार्टी

1980 रघुनाथसिंह माथुर, कांग्रेस

1985 रमेशचंद्रसिंह राठौर, बीजेपी

1990 प्रेमसिंह दत्तीगांव, कांग्रेस

1993 रमेशचंद्रसिंह राठौर, बीजेपी

1998 खेमराज पाटीदार, बीजेपी

2003 राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, कांग्रेस

2008 राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, कांग्रेस

2013 भंवरसिंह शेखावत, बीजेपी

2018 राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, कांग्रेस

2020 (उपचुनाव) राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, बीजेपी
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🌅 *बदनावर के कोटेश्वर में चल रहे मेले का आज दूसरा दिन: तेज हवा व बारिश के कारण मेले में लगी कई दुकानों के टेंट तंबू उड़े, 29 नवंबर को होगा समापन,*
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प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कोटेश्वर महादेव धाम पर चल रहे पांच दिवसीय मेले का आज दूसरा दिन है। आज दूसरे दिन दोपहर पहले बड़ी संख्या में लोगो ने मेले में पहुंचकर खरीददारी की। किन्तु दोपहर बाद चली तेज हवा व बारिश के कारण मेले में व्यवस्था बिगड़ गई। मेले में लगी कई दुकानों के टेंट व तंबू हवा में उड़ गए। पांच दिवसीय मेले का 29 नवंबर को समापन होगा।

मेले में आधुनिक झूले, चकरी, मौत का कुंआ आकर्षण का केंद्र बने रहे। युवक -युवतियां, बच्चे, महिलाओं आदि ने विभिन्ना झूलों में खूब लुत्फ उठाया। कोई गगनचुंबी झूले पर सवार हुआ तो कोई इलेक्ट्रॉनिक नाव में सवार। मौत के कुएं पर चढ़कर कार एवं बाइक चालक के हैरत अंगेज करतब देखे। वहीं फुग्गे फोड़कर निशानेबाजी करने से भी नहीं चूके। चाट, खिलौने, बर्तन, क्राकरी, रेडीमेड वस्त्र, जूते चप्पल, कृत्रिम फ्लावर, चूड़ियों, नकली ज्वेलरी, सौंदर्य प्रसाधन, घरेलू उपयोग के सामान आदि की बिक्री हुई। मावठे से मौसम में ठंडी का अहसास होने से उनी वस्त्रों की दुकानों पर भी भीड़ रही। केले व सिंघाड़े की भी जमकर बिक्री हुई। लोगों ने अपनी आवश्यकतानुसार खरीददारी की। आयोजक जनपद पंचायत व ग्राम पंचायत जलोदखेता द्वारा जरूर मेले में साफ सफाई की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। वहीं मेले में आए लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कानवन पुलिस थाने से बल तैनात है। मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रद्धालुओं के दर्शन, पूजन की विशेष व्यवस्था की गई।

*कल से बढ़ेगी रंगत*,

पांच दिवसीय मेले को लेकर कोद, बिडवाल समेत आसपास के गांवो में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर खरीददारी करेंगे। कल से मेले में रंगत बढ़ जाएगी। जो तीन दिन तक रहेगी। मेले का समापन 29 नवंबर को होगा। कोटेश्वर महादेव में मेला लगाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। कोटेश्वर के बाद में ग्राम बखतगढ़ में भी ग्राम पंचायत द्वारा बड़केश्वर मेला लगाया जाएगा।
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🌅 *बदनावर में ज्ञानदीप मंडल की पहल: नगर में घर घर जाकर जाकर गर्म व ऊनी कपड़े किए एकत्रित,*
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सर्दी के मौसम में संपन्न परिवार के लोगों की हालत खराब है, तो ऐसे में सड़कों पर और झुग्गी झोपड़ियां में रहने वाले गरीबों की और उनके बच्चों की क्या हालत होती होगी। इसी दर्द को समझते हुए यहां सामाजिक संगठन ज्ञानदीप मंडल ने संपन्न लोगों के घरों से उनके पुराने गर्म कपड़े एकत्रित करने का अभियान चलाया। एकत्रित इन कपड़ों को जरूरतमंदो में बांटने का काम किया जाएगा। मंडल के इस अभियान से प्रेरित होकर कई बच्चों ने भी आगे आकर अपने घर पर रखे हुए अनुपयोगी ऊनि व गर्म कपड़े भेंट किए।

मंडल के सदस्यों द्वारा आज मोदी चौराहा, जवाहर मार्ग, सोमेश्वर चौराहा समेत नगर के विभिन्न वार्डों में “कपड़े संग्रह” वाहन के साथ भ्रमण किया। इस दौरान लोग भी अभियान की सराहना कर अपने घरों से पुराने कपड़े लेकर निकल पड़े।

मंडल के अध्यक्ष विजय बाफना ने बताया कि नगर में ऊनि व गर्म कपड़े एकत्रित करने का अभियान आज चलाया गया। यह अभियान 29 नवंबर तक चलाया जाएगा। इसके बाद एकत्रित उपयोगी सभी कपड़ों को निर्धन बस्ती, झुग्गी झोपड़ियों और बिना आशियाना के रहने वाले लोगों को ठंड से बचाव के लिए बांटे जाएंगे। बाफना ने शहर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग गर्म व ऊनि कपड़ो को अपने उपयोग में नहीं ला रहे। ऐसे कपड़ों को वे अपने आसपास की झुग्गी झोपड़ियां में देकर लोगों का सहयोग करें। जिससे वे ठंड से अपना बचाव कर सके। जरूरतमंदों की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है।
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🌅 *बदनावर में मावठा गिरा: बेमौसम बारिश से मौसम हुआ ठंडा*,
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नगर समेत पूरे अंचल में मावठा गिरने से मौसम में ठंडापन घुल गया। बेमौसम हुई बारिश ने शादी विवाह आयोजन रखने वाले परिवारो की व्यवस्था बिगाड़ दी।

आज सुबह से ही मौसम ने अचानक करवट ले ली थी। आसमान में घने बादल छा गए और ठंडी हवाएं चलती रहीं। शाम होते ही बिजली की कड़कड़ाहट शुरू हो गई व बारिश का दौर शुरू हुआ। मावठा गिरने के कारण मौसम में भी ठंडापन घुल गया। दोपहर बाद तेज हवा का दौर शुरू हुआ। बाद में नगर समेत अंचल के तिलगारा, बिड़वाल समेत कई गांव में बारिश का दौर शुरू हो गया। बारिश होने के कारण पूरे मौसम ठंडा हो गया। वहीं सड़कों पर पानी बह निकला। बे मौसम हुई बारिश के कारण शादी विवाह वाले कई परिवारों के घरों में आयोजन प्रभावित हुए। जिन स्थानों पर खुले में शादी समारोह के आयोजन हो रहे थे। उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आज सुबह से ही आसमान में काले बादल छाए हुए थे जिससे मौसम ठंडा था। ऐसा मौसम कल भी रहने की संभावना जताई जा रही है।

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