आखिरकार आगर न्यायालय में ही माफी मांगने पहुंचा नितिन अटल

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आखिरकार आगर न्यायालय में ही माफी मांगने पहुंचा नितिन अटल
मामला न्यायालय में जज पर जूता फेंकने का
आगर-मालवा
आगर न्यायालय की गरीमा को तार-तार करते हुए 22 जनवरी को न्यायालय में पीठासीन न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाला आरोपी नितिन अटल को आखिरकार उसी न्यायालय में माफी मांगने आना पड़ा जिस न्यायालय की गरीमा को नितिन अटल ने तार-तार किया था। उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक याचिकाएं लगाने के बाद कहीं से कोई रियायत नही मिली तो आरोपी को पुलिस ने 23 अप्रैल को मप्र-छत्तीसगढ़ की बार्डर से गिरफ्तार कर लिया था उसके बाद से लगातार आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहा है। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच जिला जेल से आरोपी नितिन अटल को मंगलवार को न्यायालय में लाया गया जहां प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे के समक्ष उपस्थित हुआ और अपना माफीनामा प्रस्तुत किया। करीब 1 घंटे तक न्यायालय में आरोपी के अभिभाषकों द्वारा आरोपी की ओर से पक्ष रखा गया। फिलहाल न्यायालय द्वारा आरोपी के माफी नामे को विचारण में लिया गया है।
22 जनवरी को आगर न्यायालय में घटित हुए इस निंदनीय घटनाक्रम के बाद न्यायालय की अवमानना के इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के समक्ष जारी है। जहां आरोपी नितिन अटल की ओर से आगर न्यायालय में माफीनामा प्रस्तुत करने की विनती की गई जिस पर उच्च न्यायालय ने आरोपी को प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आगर के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश पुलिस को दिए थे। जिस पर पुलिस मंगलवार को आरोपी को जिला जेल से लेकर न्यायालय पहुंची जहां उसे प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे के समक्ष पेश किया गया। कड़ी सुरक्षा में कोतवाली थाना प्रभारी अनिल मालवीय खुद आरोपी को न्यायालय परिसर के लॉकप से लेकर न्यायालय कक्ष में पहुंचे जहां आरोपी पक्ष के अभिभाषक द्वारा पक्ष रखा गया। कार्रवाई करीब 1 घंटे तक चलती रही और आरोपी की ओर से प्रस्तुत किए गए माफीनामे के कुछ शब्द अन्य अभिभाषकों के बीच खासा चर्चा का विषय रहे। न्यायालय परिसर में अन्य अभिभाषक भी यह माजरा देखते रहे। अब देखना यह है कि जज पर जूता फेंककर न्यायालय की गरीमा को तार-तार करने वाले आरोपी को न्यायालय से माफी मिलती है या नही।

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