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*परेशानी की सड़क: सड़क किनारे निकासी की व्यवस्था नहीं जगह-जगह भर गया है बारिश का पानी*
मानसून की इस बारिश से लोगों ने भीषण गर्मी व उमस से कुछ निजात पाई है, किसानों के चहरे पर भी मुस्कान देखने को मिली लेकिन शहर के छावनी चौराहे पर वहां से निकलने वाले वाहनों के कारण उचट रहा है गंदा पानी, लोगों के कपड़े हो रहे है खराब शहर के कई स्थानों पर निकासी के अभाव में सड़क किनारे पानी जमा हो गया है, जिससे यहां से पैदल निकलने वाले राहगीरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सड़क से निकलने वाले वाहनों के कारण यहा का गंदा पानी लोगों के कपड़ों पर तक उचट रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों के साफ सुथरे कपड़े कीचड़ वाले पानी के उचटने से खराब हो रहे है।
इसके बाद भी स्थानीय नगर पालिका परिषद प्रशासन के द्वारा सड़क किनारे भरे इस पानी की निकासी के लिए किसी प्रकार के प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। शहर में छावनी चौराहे लड्ढ़ा मोल के सामने सुसनेर रोड पर जिला पंचायत अध्यक्ष निवास लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने , मिडवे होटल से लेकर जेल तक हर जगह बारिश का पानी सड़क किनारे भरा हुआ है, लेकिन इन स्थानों पर सड़क किनारे भरे बारिश के पानी की निकासी को लेकर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिससे इन स्थानों पर सड़क पर पैदल चलने वाले राहगीरों को दिक्कतों का सामना कर रहे है हाइवे किनारे बनी नालीयो को जाम होने के कारण आम जनमानस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है एक घंटे की बारिश में सड़कें तालाब का रुप धारण कर लेती है। बारिश थमने के आधा घंटे तक यहां पर बारिश का पानी खत्म नहीं होता है,
यह जानकारी होने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा पानी निकासी की दिशा में कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं।पानी उछलकर दूर तक जाता है
सड़क पर भरे पानी से बचने के लिए बीच सड़क पर चलते हैं तो उन्हें एक्सीडेंट का खतरा बना हुआ है, यदि भरे हुए पानी से निकलते हैं तो कपड़े खराब होने का डर बना रहता है। इतना ही नहीं छावनी चौराहे पर लड्ढ़ा मोल के सामने चलने वाले वाहन सड़क पर भरे पानी से ही होकर निकलते हैं, जिससे यहां पर वाहन निकलते ही पानी तेजी से उचटकर काफी दूर तक जाता है। ऐसी स्थिति में यहां पर खड़े होेने वाले लोगों के कपड़े तक कीचड़ वाले पानी से खराब हो जाते हैं इतना ही नहीं स्कुल कॉलेज की छात्राऔ को भी इस गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है
जिससे साफ सुथरे कपड़े तक खराब हो जाते है। यदि कोई विशेष काम से कहीं जा रहा होता और कीचड़ वाला पानी कपड़ों पर उचट कर गिर जाता है तो मजबूरी में घर जाकर दूसरे कपड़े पहने के लिए जाना पड़ता है। कई बार स्कूली बच्चों की ड्रेस तक खराब हो जाती है सारंगपुर शाजापुर की और जाने वाले यात्रियों को यही पानी के पास बैठ कर बस का इंतजार करना पड़ता है इन यात्रियों को बरसाद गर्मी में बैठने की व्यवस्था भी नहीं है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों आए यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है
*संयुक्त कलेक्टर कार्यालय भी इसी मार्ग पर*
संयुक्त कलेक्टर कार्यालय
के लिए भी छावनी चौराहे से गुजरकर जाना पड़ता है पर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ अधिकारी यों का भी ध्यान इस और नहीं है Hindi Satta समाचारपत्र में खबर का प्रकाशन कर नगर पालिका परिषद और जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है
अब देखना यह होगा कि क्या नगर पालिका परिषद और जिला प्रशासन जनमानस को इस समस्या से निजात दिलाएगा