भगवान शिव को अपने अंदर की बुराइयों रूपी विष को अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है -ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी

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भगवान शिव को अपने अंदर की बुराइयों रूपी विष को अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है -ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी*

दिनांक 6 /03 /2024
पचोर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में महाशिवरात्रि का पर्व पांच दिवसीय मनाया जा रहा है।
जिसमें प्रथम दिवस ग्रामीण अंचलों में शिव का संदेश सुनाया जा रहा है।
ग्राम सेमली धाकड़ में ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी ने ग्रामीणों को शिव संदेश सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव विष पीने वाले हैं। अर्थात मनुष्य के अंदर पांच विकार पनप रहे हैं। उन पांच विकारों रूपी विष को भगवान शिव पर चढ़ाने से मनुष्य की आत्म उन्नति होती है और शिवबाबा हमे मुक्ति, जीवन मुक्ति पद को प्राप्त करा देता है। मनुष्य  देवत्व की ओर बढ़ने लगता है। उसके सारे अवगुण रुपी विष भगवान शिव अपने में समा लेते हैं।
ब्रह्माकुमारी सीमा दीदी ने शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य सश सुनाते हुए कहा कि आंकड़ा, धतूरा, बैर यह बुराई के प्रतीक है इसलिए इनको हम भगवान शिव पर चढ़ाते हैं लेकिन भगवान कहते हैं कि है। वत्सो मुझे अपने अंदर की बुराइयों को अर्पण कर दो, तो मैं आपकी हर समस्या को जीवन से मिटा दूंगा।
गिर्राज पाटीदार( कनिष्ठ यंत्री) ने शिवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि इस शिवरात्रि पर सब अपने घर पर दीपक जलाएं और आध्यात्मिक ज्ञान के साथ जीवन को रोशन करें। अवगुणों को भगवान शिव को अर्पण करें।
ब्रह्माकुमारी मोनिका दीदी ने सभी ग्रामीण जनों को प्रतिज्ञा करवाई।
तथा ग्रामीण जनों ने पुष्प वर्षा का ब्रह्मकुमारी बहनों का स्वागत किया।

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